14/09/2024 भवानी शंकर मुखर्जी स्मृति सम्मान 2023-24 में लोक कलाकार,रंगकर्मी,अभिनेता हुतेन्द्र ईश्वर शर्मा एवं संगीत साधक श्रीमती चन्द्रा देवांगन सम्मानित हुए

भवानी शंकर मुखर्जी कला सम्मान का शुरुआत 2019 में उनके बेटियाँ स्वर्गीय शिवानी मुखर्जी,कल्याणी,कल्पना,सर्वानी बनानी,तृप्ति एवं पुत्र देवव्रत मुखर्जी ने अपने परम पूज्य पिता भवानी शंकर मुखर्जी के जन्म शताब्दी वर्ष के पूर्ण होने पर उनकी स्मृति को यादगार बनाए रखने के लिए स्थापना की है

- स्वर्गीय भवानी शंकर मुखर्जी पिता स्वर्गीय निमाई चरण मुखर्जी और माता स्वर्गीय पारुल बाला मुखर्जी पिता रियासत कालीन दौर के महाराजा चक्रधर सिंह के शासनकाल में सहायक दीवान एवं कानूनी सलाहकार थे इसलिए राज दरबार में आने वाले देश भर के मशहूर कलाकार और साहित्यकार उनके घर भी आते और ठहरते भी थे और मां पारुल बाला मुखर्जी रायगढ़ मिलनी कालीबाड़ी की संस्थापक सदस्य रही हैं, उस दौर में दुर्गा पूजा के दौरान दुर्गा प्रतिमा इनके घर में तैयार तो होती ही थी कला और संगीत से जुड़ी गतिविधियां भी समय समय पर होती रहती थी इसलिए घर में कला संगीत का माहौल बना रहता था | इन्हीं सब परिस्थितियों के बीच स्वर्गीय भवानी शंकर मुखर्जी जी का रुझान कलात्मक गतिविधियों की तरफ होने लगा, तबला और पखावज को लेकर उनकी विशेष रुचि रही | स्वर्गीय भवानी शंकर मुखर्जी का परिवार सामाजिक,सांस्कृतिक गतिविधियों से लगातार जुड़ा हुआ है ।


भवानी शंकर मुखर्जी स्मृति सम्मान 2023-24 में लोक कलाकार,रंगकर्मी,अभिनेता हुतेन्द्र ईश्वर शर्मा एवं संगीत साधक श्रीमती चन्द्रा देवांगन सम्मानित किया गया

हुतेन्द्र ईश्वर शर्मा लोक कलाकार, रंगकर्मी,अभिनेता जन्म 1 अगस्त 1965 पिता स्वर्गीय बिहारी लाल शर्मा, 9-10 साल की उम्र में नाचा गम्मत से जुड़ाव,सारंगढ़ में (1983 ) हबीब तनवीर के नाट्य शिविर में शामिल,नाटकों के प्रति गहरा रुझान रायगढ़ में इप्टा के नुक्कड़ नाटकों से जुड़े,आवामी अभिनय मंच में उमाशंकर दद्दू चौबे के साथ काम,1987 भारत ज्ञान विज्ञान समिति के मध्य प्रदेश के संस्थापक सदस्य,भोपाल के रविंद्र भवन और मध्य प्रदेश विधानसभा में नाट्य मंचन,मसूरी में राजकमल नायक निर्देशित ‘जल चक्कर’ का मंचन, 1990 -1991 में ‘सहमत’ से जुड़े,लोक रंग नाचा का गठन (1987)अखिल भारतीय नाट्य उत्तसव कटनी में ‘मुर्गीवाला’के मंचन में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का खिताब, प्रयास इप्टा कोरबा व जांजगीर में सम्मान, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के लिए 2004-05 में रेडियो नाटक का लेखन इसी साल अशोक सरन के निर्देशन में बनी हिंदी फिल्म ‘उलगुलान ऐक क्रांति’ में बिरसा मुंडा के मामा सोहराय की महत्वपूर्ण भूमिका, 80 से अधिक छत्तीसगढी व्यावसायिक वीडियो एल्बम,सुंदरकांड वीडियो एल्बम के लिए छत्तीसगढ़ में सम्मान,साक्षरता मिशन के लिए 1990-91 में पदयात्रा और कलायात्रा में बतौर सहायक परियोजना निदेशक,1997-98 में बालश्रमिक परियोजना कला जत्था में शामिल,छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश में अब तक सैकड़ो कला जत्था का संचालन, हबीब तनवीर, एन.के.रैना, बंसी कौल,रामगोपाल बजाज,देवेंद्र राज अंकुर,राजकमल नायक, अजय आठले,अरुण पांडे,संजय उपाध्याय, सुमन कुमार,योगेंद्र चौबे के निर्देशन में कार्य |

श्रीमती चंद्रा देवांगन संगीत साधक स्वर्गीय नीलांबर प्रसाद मेहर और श्रीमती प्राणवती मेहर के घर आंगन में दिनांक 7 जुलाई 1957 को जन्म | संगीत प्रेमी पिता ने 1968 में गुरु शिष्य परंपरा के तहत शास्त्रीय संगीत की विधिवत तालीम लेने रायगढ़ से संचालित श्री लक्ष्मण संगीत महाविद्यालय में प्रवेश दिलाया,आपने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा 1982 तक श्री जगदीश सिंह ( दीन ) मृदंगार्जुन से प्राप्त की,तत्पश्चात श्री जगदीश सिंह ठाकुर के सुयोग्य पुत्र कला गुरु श्री वेद मणि सिंह ठाकुर से आज पर्यंत तक नियमित शिक्षा ग्रहण कर रही हैं | कालागुरु श्री वेदमणि सिंह ठाकुर के आशीर्वाद व मार्गदर्शन में आपने 2 अक्टूबर 1987 को रायगढ़ स्थित अपने निवास में चक्रधर संगीत महाविद्यालय ( महिला शाखा ) की स्थापना की,जो कि 1 जनवरी 1916 से पृथक भवन में चक्रधर कला एवं संगीत महाविद्यालय के नाम से संचालित है | इस महाविद्यालय में कला, गायन, वादन एवं नृत्य विधा में लगभग 350 छात्र/ छात्राएं तालीम ले रहे हैं |

प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद से गायन एवं सितार विषय में प्रभाकर परीक्षा उत्तीर्ण | आकाशवाणी अंबिकापुर में बी ग्रेड कलाकार |दूरदर्शन भोपाल के लिये लोक गायन | देश के ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह में 1987 से अंतर्राष्ट्रीय ख्यबतीलब्ध कलाकारों मोहम्मद जिया फारेयूद्दीन डागर ( ध्रुपद गायन ), बेगम परवीन सुल्ताना,ठुमरी गायिका गिरिजा देवी,श्रीमती कंकना बेनर्जी, सुश्री कुमुद दीवान, पंडित छन्नु लाल मिश्र, पंडित लाल कुमार मिश्र के साथ तानपुरा में संगत । आपकी शिष्यायें बी. एस.नायर ( दुबई ) नमिता पंडा ( ओडिशा ) बाबी मित्रा ( दिल्ली ) में संगीत की शिक्षा प्रदान कर रही हैं |



भवानी शंकर मुखर्जी स्मृति सम्मान 2023-24 के मुख्य अतिथि संगीत साधक कला गुरु श्री मनहरण सिंह ठाकुर विशिष्ट अतिथि चित्रकार एवं शिक्षाविद श्री प्रताप सिंह खोडियार व शिक्षाविद श्रीमती मंजुला चौबे, बद्रीशंकर मुखर्जी,श्रीमती आशा मेहर ( रचनाकार ),नाचा के कलाकारों, चक्रधर कला एवं संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थियों,गणमान्य एवं कला प्रेमियों जगदीश् मेहर, देव लाल देवांगन, रविंद्र चौबे, युराज सिंह आजाद, अनुपम,पाल, विवेक तिवारी आदि के गरिमामयी उपस्थिति में यह समरोह दिन शनिवार शाम 7:00 से स्थान मिलनी कालीबाड़ी रायगढ़ में हर्ष के साथ संपन्न हुआ कार्यक्रम में चक्रधर कला एवं संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थी कत्थक एवं शास्त्री गायन व नाचा के कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ी गानों की प्रस्तुति दी कार्यक्रम के अंत में आयोजन कर्ता कल्याणी मुखर्जी समरोह में आगंतुक सभी कलाकारों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह बड़े हर्ष का विषय है आप सभी का कला एवं संस्कृति से जुड़ाव रखना बहुत बड़ी बात है। हम अपने पिता के स्मृति में ऐसा कार्यक्रम करते रहेंगें इसी तरह हम अपने माता-पिता को आभार करते रहेंगें।
