चुनावी अखाड़े में पूरे दम खम के साथ आया ताकि रायगढ़ के विकास को नया दिशा, नया आयाम दे सकूं – रायगढ़ के प्रथम महापौर रहे जेठूराम मनहर

रायगढ़ ( EPICCG.NEWS ) रायगढ़ के प्रथम महापौर रहे जेठूराम मनहर कांग्रेस से कन्नी काटने के बाद अबकी चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर महापौर चुनाव लड़ रहे हैं। कांच का गिलास छाप से किस्मत आजमा रहे जेठूराम ने 21 सूत्रीय घोषणा पत्र जारी करते हुए प्रेसवार्ता में दावा किया कि वे भाजपा के डमी कैंडिडेट नहीं है, बल्कि अपने दम पर सियासी महासंग्राम के कूदे हैं। जनता उन्हें दोबारा मेयर बनाएगी तो वे सरकारी चार पहिया वाहन से नहीं, बल्कि स्कूटी में ही घूमकर जनसेवा करेंगे।
घोषणा पत्र में विकास के बड़े वादे
मनहर के घोषणा पत्र में रायगढ़ की प्रमुख समस्याओं को शामिल किया गया है—
केलो नदी और करबला तालाब का संरक्षण
न्यू मार्केट और सब्जी मंडी की समस्याओं का समाधान
नगर निगम की टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता
बेरोजगार युवाओं के लिए स्व-रोजगार योजना और दुकान आवंटन
औद्योगिक घरानों से उचित कर वसूली सहीत 21 सूत्रीय घोषणा पत्र जारी कीया है|

शहर के होटल जिंदल रीजेंसी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जेठूराम मनहर ने कहा कि मुझे अपने रायगढ़ के विकास की चिंता है। इसलिए निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से चुनावी अखाड़े में पूरे दम खम के साथ आया ताकि रायगढ़ के विकास को नया दिशा, नया आयाम दे सकूं। उन्होंने कहा कि 4 पहिया गाड़ी में बैठकर जो मेयर घूमता है, उस भावना के दूर करने चुनाव लड़ूंगा। मेयर बनूंगा तो स्कूटी से ही घूमूंगा, 4 पहिया वाहन नहीं लूंगा।
जेठूराम ने आगे कहा कि अपने चुनावी पम्पलेट में बार कोड जारी करूंगा, जिसमें पब्लिक 2 से 10 रुपये डाले ताकि मुझे याद रहे कि उनका नमक खाया हूं। जनता के बीच जाकर अपनी भावना को बताऊंगा। मैं भाजपा का डमी कैंडिडेट नहीं। मैं अपनी निष्ठा के लिए माना जाता हूँ। मुझे कोई नहीं झुका सकता। मेरी पुरानी कार्यशैली ही मुझे विजय दिलाने का आधार बनेगी। मैंने वो दौर भी देखा, जब रायगढ़ की जनता एक किन्नर को जब महापौर बना सकती है तो मुझे क्यों नहीं। मैं भाजपा का सिपाही नहीं बन सकता।
यही नहीं, जेठूराम ने दावा किया कि वार्ड नंबर 3 और 4 में निर्दलीय प्रत्याशी जीत दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि मैं पत्रकारों का हितैषी हूं। निगम में कलम नवीसों का जो भी काम हो उसे प्राथमिकता दूंगा। मैं महापौर था तो विद्युत मंडल से शुल्क वसूल कर निगम का खजाना भरता था, पर अब हालात विपरीत है। वहीं, करबला तालाब की तकदीर संवारने की दिशा में बेहद सक्रिय रहूंगा, चाहे कोर्ट तक जाना पड़े।
जेठूराम मनहर के इस ऐलान के बाद रायगढ़ की राजनीति गर्म हो गई है। देखना होगा कि जनता का समर्थन उन्हें मिलता है या नहीं।